ये जो उदास सी शक्ल लिये हुवे बैठे हुए व्यक्ति हैं इनकी चिंताएं बहुत सारी चीजों पर चल रही हैं सेना कहती है कि भैया इस कदम चलो, आतंकी कहते हैं उस कदम चलो, चीन वाले कहते हैं चीन वाले अगर चलवा भी देते हैं तो फिर आतंकी कहते हैं कि अब कितना चलोगे

कारण यह है कि इनको इतनी सारी जगह से थप्पड़ आया जा रहा है और मैं यह बात बहुत सही सेंस में कह रहा हूं कारण यह है कि यह इतने सारे fronts पर कॉम्प्रोमाइज व्यक्ति बन चुके हैं कि इन्हें समझ नहीं आ रहा है कि यह कर क्या रहे हैं इन वेपंस का रखकर खैर जब बात वेपंस की हो तो एक बार ग्रेट विजनरी जो बाइडेन ने कहा था कि पाकिस्तान के हाथ में न्यूक्लियर बम सुरक्षित नहीं है यह बात जब कही थी तब पाकिस्तानी चिढ़ गए थे और us envoy को बुलाकर कहा था सर हमारी सेना पर सवाल खड़े करते हैं|

खैर US ऐसी चिंता पहले भी व्यक्त कर चुका था कि पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर बम अच्छी बात नहीं है क्योंकि यहां पर सत्ता के केंद्र बहुत सारे हैं पाकिस्तान पर अमेरिका की चिंताएं समय-समय पर पहले भी 2019 में भी जाहिर होती रही है कारण साफ है क्योंकि यहां पर आतंकी भी पैरेलल गवर्नमेंट चलाते ही हैं पाकिस्तान की सेना भी आतंक के सहारे चलती है क्योंकि वह जहां खुद से काम नहीं कर पाती वहां आतंकियों की मदद ले लेती है ऐसे में आज यह आतंकी इतने सफल और कारगर हो गए हैं कि इन्होंने हम लोगों को तो खुश कर दिया है लेकिन दुनिया को चिंता में डाल दिया है

एटॉमिक प्लांट के वर्कर्स को किया अगवा:-Taliban Kidnaps Atomic Plant Workers

इन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए कुछ चौकिया पर कब्जा करते हुए एटॉमिक एनर्जी के लिए जिन खदानों में काम करने वाले वर्कर्स थे तालिबान का पाकिस्तान की आर्मी चौकियों पर हमला(Taliban Kidnaps Atomic Plant Workers) या एटॉमिक एनर्जी कहिए या एटम बम क्योंकि डायरेक्ट बम बोलना ज्यादा क्रिटिकल होता है इसलिए यह कहिए कि न्यूक्लियर साइंटिस्ट को अगवा कर लिया है कौन से आतंकी है यह क्या डिटेलिंग है इनकी किस बारे में चर्चा हो रही है आज के सेशन में जिक्र किया जाएगा और यह बताया जाएगा कि इस स्थिति से पाकिस्तान कैसे निपटा सकेगा और तो और इसकी कितनी सारी चिंताएं की जा सकती हैं घटना कहां की है तो खैबर पख्तूनवा की है|

जानकारी मिलती है कि यूरेनियम और प्लूटोनियम कि यहां खदानें हैं जहां पर काम करते हैं मजदूर वो एटॉमिक एनर्जी माइन की साइट पर जा रहे थे और उनके वाहन को अगवा कर लिया काम करने के पैटर्न से पता चलता है कि यह काम तहरीक ए तालिबान का हो सकता है वीडियो बाहर निकलता है वाहन को आग लगा दी गई और जिन्हें पकड़ा गया उनसे वीडियो रिलीज करवा दिया गया देखने में तो यह मजदूर टाइप के ही लग रहे हैं (Taliban Kidnaps Atomic Plant Workers) क्योंकि पहनावे से अगर फर्स्ट टाइम में जज किया जाए तो किसी साइंटिस्ट टाइप का पहनावा जो है वह तो दिखाई दे नहीं रहा बोले पहनावे से जज कर रहे हो कुछ और पहचान नहीं है क्या पहचान भी है पहचान है आई कार्ड लेकिन जब आई कार्ड को देखने निकलते हैं तो फिर आई कार्ड पर बहुत सी चीज़ लिखी हैं जैसे आई कार्ड पर लिखा है पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमिशन, पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमिशन लिखा है तो क्या आई कार्ड पर टेक्निशियन भी लिखा हुआ है और जब टेक्निशियन शब्द Use किए जाते हैं तो कहीं पर सीनियर असिस्टेंट लिखा हुआ है तो कहीं पर सीनियर टेक्नीशियन लिखा हुआ है और कई जगह परऔर सिंपल प्रकार के आई कार्ड है

इसका मतलब यह हुआ कि यह निश्चित ही काम के लोग तो थे मजदूर कहकर इज्जत को थोड़ा काम जरूर किया जा रहा है चलिए खैर हम इस बात पर नहीं पड़ते हम यह मानते हैं कि यह एटॉमिक एनर्जी के बारे में कुछ तो जानते थे|
यूरेनियम क्या है?
मैं आपको हल्का सा ब्रीफ कर देता हूं एटॉमिक एनर्जी के लिए यूरेनियम ईंधन है इसके लिए यूरेनियम को खान से खदान से निकाला जाता है और उसी को फिर एनरिक किया जाता है यूरेनियम का जो और है उसे पिच ब्लेड कहते हैं उसमें यूरेनियम 92 235 की मात्रा जितनी ज्यादा होती जाती है न्यूक्लियर पावर इतनी अच्छे से प्रोड्यूस की जा सकती है न्यूक्लियर बम बनाया जा सकते हैं और जब न्यूक्लियर बम की बात होती है तो न्यूक्लियर बम में जितना अच्छा यूरेनियम Use किया गया होगा या 235 जो समस्थानिक है यूरेनियम का आइसोटोप है उससे बढ़िया एनर्जी निकलती है बम में वही इस्तेमाल होती है लेकिन जो बम में यूरेनियम इस्तेमाल होता है वही पावर प्लांट के अंदर भी इस्तेमाल होता है जो न्यूक्लियर एनर्जी के लिए बनाए जाते हैं ऐसे में सामान्य पावर प्लांट के नाम पर यूरेनियम को एनरिक किया जाता है और बम बना लिया जाता है

आज पाकिस्तान के पास 170 न्यूक्लियर बम है और वह इनकी संख्या बढ़कर 200 करने निकला हुआ है इसका मतलब साफ है कि वह यूरेनियम को निकाल करके उसका संवर्धन यानी एनरिचमेंट करके बम बनाने की तरफ बढ़ रहा है ऐसे में जिस जगह पर यह कर्मचारी काम कर रहे थे जिन्हें संभव बताया यूरेनियम का निकलना पता होगा और साथ ही साथ उसका एनरिचमेंट संबंधी संभावित संभावित है कि कोई ज्ञान रहा होगा और नहीं भी रहा हो हम तो केवल यही मानते हैं खदान के कर्मचारी थे इनको आतंकियों ने अगवा कर लिया|
माइन के कर्मचारियों को अगवा करने के कारण:-
अब सवाल बनता है आतंकियों ने इन्हें अगवा क्यों किया याद होगा दिसंबर के अंत में यानी कि हम बात करें 2024 की आज से लगभग 20 दिन पहले कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के बॉर्डर के भीतर घुसकर एयर स्ट्राइक कर दी थी और उस एयर स्ट्राइक के नजारे आपके सामने कुछ इस तरह से आए थे |तालिबान का पाकिस्तान की आर्मी चौकियों पर हमला(Taliban Kidnaps Atomic Plant Workers)

यह एयर स्ट्राइक पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर तहरीक ए तालिबान नाम के आतंकियों के ठिकानों पर की थी ऐसा क्लेम किया गया था जिसमें 46 लोग मारे गए थे हालांकि अफगानिस्तान ने इसका खंडन करते हुए कहा कि आपने बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं मार दिए हैं यह एयर स्ट्राइक पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर तहरीक ए तालिबान नाम के आतंकियों के ठिकानों पर की थी ऐसा क्लेम किया गया था जिसमें 46 लोग मारे गए थे हालांकि अफगानिस्तान ने इसका खंडन करते हुए कहा कि आपने बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं मार दिए हैं यह एयर स्ट्राइक पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर तहरीक ए तालिबान नाम के आतंकियों के ठिकानों पर की थी|

यह घटना घटी थी अफगानिस्तान के अंदर पकटीका नामक स्थान पर क्योंकि घटना अफगानिस्तान की टेरिटरी में हुई थी और बड़ी संख्या में मासूम और महिलाओं की जान गई थी इससे तालिबान भड़क गया था हालांकि पाकिस्तान ने अपनी तरफ से कहा था की हमने बड़ी संख्या में आतंकी मार दिए है लेकिन अफगानिस्तान आधारित तहरीक ए तालिबान असल में वह इस समय पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बना हुआ है पैदा यह 2007 में ही हुआ था लेकिन एक साल बाद ही इस पर बैन लग गया फिलहाल यह मानकर चलें कि 11 सालों में 100 से ज्यादा हमले पाकिस्तान में तहरीक ए तालिबान नाम का आतंकी संगठन करता है जिनमें से 2014 के अंदर जो 200 बच्चों की हत्या हुई थी स्कूल में वह भी इन्हीं के कारनामों में शामिल थी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान में जिस हद से आतंकी हमले करता है और साथ-साथ उसके अफगानिस्तान के अंदर बैठा जो तालिबान है वह उसको सपोर्ट करने के लिए निकलता है उसे खबर अगले दिन की बन जाती है वह कहता है कि हम बॉर्डर पर जाकर पाकिस्तान पर हमला करेंगे स्थितियां बिगड़ी अखबारों की सुर्खियां बनी की भाई टेंशन बॉर्डर के ऊपर बढ़ने लगी है साल की शुरुआत में फायरक्रैकर्स के नाम पर तालिबान और तहरीक ए तालिबान ने पाकिस्तान के बॉर्डर पर खूब बम बरसाए ऐसे में इस 46 लोगों की मौत का बदला लेने की ठान ली ताहरिक ए तालिबान ने|(Taliban Kidnaps Atomic Plant Workers)

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर छपती है 7 जनवरी को और यह खबर हवाले से दी जाती है अल जजीरा के और खबर यह थी कि इन तहरीक ए तालिबान के आतंकियों ने लोगों से कहा है क्या कहा है कि जिन्होंने भी पाकिस्तान की सेना द्वारा विकसित धंधों में इन्वेस्टमेंट किया हुआ है अपना पैसा वापस निकालना नंबर एक नंबर दूसरा 3 महीने की मोहलत दी जा रही है जो भी पाकिस्तान की सेना द्वारा चलाए गए धंधों में नौकरी कर रहे हैं वह अल्टरनेटिव जॉब तलाश में इसका अर्थ यह है कि आने वाले 3 महीने में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान की सेना के बहुत से विभागों पर हमला करने वाला है अब इसका हम थोड़ा और कंफर्मेशन लेते हैं न्यूज़ ने अल जजीरा को को किया था हम अल जजीरा की वेबसाइट पर गए अल जजीरा ने 6 जनवरी को एक खबर कवर की थी जिस खबर के अंदर तहरीक ए तालिबान के द्वारा दी जा रही जो धमकी थी जिसे Pakistan Taliban threatens military run businesses amid rising violence इस तरह से कवर किया जब इस खबर को अंदर गहराई में पढ़ा तो पता चला कि पाकिस्तान की सेना पाकिस्तान में कई तरह के बिज़नेस रन करती है|
वर्तमान घटना की लोकेशन:-

अफगानिस्तान से लगते हुए उन सीमा क्षेत्र में जिसे खबर पख्तूनवा के नाम से जाना जाता है और यहां पर जो फिलहाल घटना घटी है यह डेरा इस्माइल खान के पास घटी है यह जो डेरा इस्माइल खान के पास घटी घटना है यह डेरा इस्माइल खान के आसपास ही यहां पर लक्की मारावत नाम की खान में यह काम कर रहे थे कर्मचारी जिन्हें अगवा किया गया है ऐसे में बड़ी खबर और बनती है और वह यह है कि यहां पर पाकिस्तान के द्वारा जिन मिलिटेंट को मारने की खबर थी उसीके एवरेज में मिलिटेंट ने अपनी तरफ से 16 कर्मचारी इन माइंस में से कब्जा कर लिए और यह जो कब्जा किए हुए कर्मचारी आपको तस्वीरों में दिख रहे हैं

यह कर्मचारी असल मायने में पहले से Threaten किए गए कुछ बिज़नेस से संबंधित हो सकते थे यह समझकर अगवा किए गए अब वह कौन से बिज़नेस हैं तो लिए मैं एक बार आपको बताता हूं देखिए पाकिस्तान की सेना नेशनल लॉजिस्टिक्स सेल चलाती है रावलपिंडी बेस्ड लॉजिस्टिक कंपनी जो कि रावलपिंडी नेशनल लॉजिस्टिक सेल है ,फ्रंटियर वर्क ऑर्गेनाइजेशन चलती है जिसे इंजीनियर एंड कंस्ट्रक्शन के लिए जाना जाता है, फौजी फर्टिलाइजर कंपनी चलती है जो की एक मेजर फर्टिलाइजर प्रोड्यूसर है, मिलिट्री ऑपरेटेड हाउसिंग अथॉरिटी पूरे पाकिस्तान में चलाती है, एक कमर्शियल बैंक चलाती है इन सबको धमकी दी गई और कहा गया कि जिन भी सिविलियन में पाकिस्तान सेना के द्वारा चलाई जा रही फैक्ट्री में, बैंक में, इंजीनियरिंग सामानो में इन्वेस्टमेंट किया हुआ है वे अपना पैसा वापस निकल लें क्योंकि हम इन्हें टारगेट करेंगे और इस क्रोनोलॉजी में यानी की 6 तारीख की इसी धमकी की क्रोनोलॉजी में इस घटना को देखा जा रहा है कि आर्मी की चौकिया पर हमला और एटमी प्लांट के 16 वर्कर्स का अपहरण इसका अर्थ ये निकल कर आया कि निश्चित ही यह घटना पहले हमले की धमकी देकर किया गया है ऐसे में इन आतंकियों के द्वारा गिरफ्तार हुए लोगों की वीडियो जारी होते हैं तमाम प्रकार के सोशल मीडिया हैंडल्स इसको पुख्ता रूप से कंफर्म करते हैं कि हां भाई इतने लोग हमारे अगवा हो चुके हैं तमाम सोशल मीडिया पर तो यह खबरें आती है लेकिन पाकिस्तान अधिकृत रूप से इस पर कोई commentary करता दिखाई नहीं दिया एनीवे यह सारी खबरों में पाकिस्तान में अपने लोगों की रिहाई के लिए क्या किया यह बड़ा सवाल बनता है|
The Non-Nuclear Aggression Agreement (NNAA):-
इस बीच में एक प्रश्न और बनता है कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर साइड न्यूक्लियर साइट्स कहां-कहां है यह आतंकियों को पता है तो यह कितनी चिंता की बात है देखिए अमेरिका ने बहुत पहले ही एक लाइन कही थी पाकिस्तान का न्यूक्लियर कैपेबल होना बड़ी टेंशन की बात है जो अफगानिस्तान बगल में बैठा है अगर वहीं अफगानिस्तान अपने तालिबानियों की मदद से पाकिस्तान के बिल्कुल जो ठिकाने Known है वहां जाकर न्यूक्लियर साइट्स पर कब्जा कर लेता है तो यह अपने आप में दुनिया के लिए बहुत बड़ी चिंता बनेगा देखिए पाकिस्तान की जो Known न्यूक्लियर साइट्स है जो हमें भी पता है आप कहेंगे जब हमें पता है तो हमला क्यों नहीं कर देते मैं आपको यहां पर एक बहुत जरूरी बात बता देता हूं भारत और पाकिस्तान ने एक ट्रीटी की हुई है जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे को इन्फॉर्म करते हैं सालाना की हमारे इतने न्यूक्लियर बम है और इन इन जगहों पर रखे हैं आप कहेंगे क्या बात कर रहे हो मतलब हम इतने ज्यादा एक दूसरे पर विश्वास करते हैं या हम दोनों को इतना ज्यादा कॉन्फिडेंस है कि हमने बता दिया कुछ करके दिखाने देखी दुनिया की भलाई के लिए न्यूक्लियर संपन्न राष्ट्र अपने दुश्मनों को बात कर चलते हैं कि हमारे बीएएमएस यहां रखे हैं इसका अर्थ यह है कि गलती से आपने अगर उसे ही टारगेट कर दिया तो महाविनाश शुरू हो जाएगा पूरी दुनिया का क्योंकि एक बम से देश तो समाप्त नहीं होगा लेकिन रीटेलियेशन में अगर बम फिर चल दिए गए तो निश्चित ही तबाही होगी पहले कौनअटैक करेगा इससे भी अगर निर्णय लिया जाए आज अगर पाकिस्तान भारत के न्यूक्लियर साइट पर हमला कर दें हो सकता है कि हमारे लाखों की संख्या में लोगों की जान जाए लेकिन बदले की कार्रवाई में इतना सा पाकिस्तान खत्म हो जाएगा यही कारण है कि दोनों देश जिम्मेदारी से एक दूसरे को समय-समय पर बताते आए हैं यह केवल भारत पाकिस्तान में ही नहीं अमेरिका और रूस में भी समझौता है दोनों एक दूसरे के दुश्मन है और दोनों एक दूसरे को न्यूक्लियर साइड बता कर के चलते हैं कि हमारे न्यूक्लियर बॉन्ब यहां रखे हैं इन पर हमले मत करना|
यूरेनियम साइट इन पाकिस्तान:-

पाकिस्तान का बताया हुआ एक नक्शा हम आपके सामने दिखा रहे हैं इसमें डेरा गाजी खान आपको दिखाई दे रहा है जहां यूरेनियम की माइन है इसी डेरा गाजी खान के पास में ही डेरा इस्माइल खान नाम की जगह और उसके पास में है लक्की मारावत जहां से लोगों को किडनैप किया गया है यानी यह तो तय है कि TTP के आतंकियों को अच्छे से पता था कि कहां पर यूरेनियम मिल सकता है और कहां पर यूरेनियम को जानने वाले लोग मिल सकते हैं इसका अर्थ यह भी निकलता है कि आतंकियों का ध्यान भी न्यूक्लियर बम पर तो लगा है और अगर ऐसी स्थितियां बनती हैं तो यह होने के लिए हमारे लिए गुड न्यूज़ केवल इस बहाने हैं कि पाकिस्तान शर्मसार हुआ लेकिन चिंता इसलिए है क्योंकि आतंकियों के हितों की पूर्ति के लिए वह इसका दुरुपयोग किसी के ऊपर भी कर सकते हैं इसका अर्थ साफ है पाकिस्तान के परमाणु बम सुरक्षित नहीं है
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:-
जब इनके द्वारा किया गया यह किस तरह से इस पर प्रतिक्रिया दिए तो सब आंसर निकला कि इन्होंने फिर से अफगानिस्तान की सीमा में बम दाग दिए हैं यह तो TOLO न्यूज़ की खबर है

जिसमें यह कर कर रहे हैं की लास्ट नाइट को भी पाकिस्तान के द्वारा अफगानिस्तान के बॉर्डर पर बम दाग दिए गए हैं मतलब जी अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को पाकिस्तान ने इंडोर्स किया था तारीफें की थी आज यह उसके साथ झगड़ रहे हैं अर्थात अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में बहुत ज्यादा खटास आ चुकी है और क्या इस खटास की वजह अमेरिका है क्योंकि रिपोर्ट्स कह रही हैं कि पाकिस्तान के बारे में अमेरिका अच्छे से जान चुका है कि यह डबल क्रॉस करता है क्या आने वाले समय में ट्रंप का पाकिस्तान पर नजरिया बदलेगा या फिर यह कहा जाए कि अफगानिस्तान में जो वर्तमान परिस्तिथियाँ पैदा हुई है उसमें भारत का बड़ा हाथ है क्योंकि हाल ही में उनके विदेश मंत्री से भारत के विदेश सचिव दुबई में मिलकर आए हैं क्या गणित है किस तरह से जियो पॉलिटिक्स चल रही है यह तो आने वाला समय बताएगा विषय चिंता का है लेकिन इस चिंता के विषय के साथ-साथ दुनिया इस जिम्मेदारी को समझेगी और निश्चित की दुनिया में शांति का भाव स्थापित होगा|
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