कश्मीर में कुछ बड़ा हो रहा है…क्या युद्ध होने वाला है?

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pahalgam attack update:जिस तरह से भारत तैयारी कर रहा है जिस तरह से वर्तमान में परिस्थितियाँ बनती जा रही हैं। क्या वे सभी परिस्थितियाँ भारत और पाकिस्तान के बीच में कुछ बड़ा करने वाली हैं? आज के सेशन में हम विस्तार से इन्हीं विषयों के ऊपर आपके साथ चर्चा करने वाले हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 22 तारीख को आतंकियों ने कायराना हरकत करते हुए भारत के उन पर्यटकों को, जो कश्मीर की खूबसूरती देखने के लिए गए हुए थे, उन्हें गोली मार दी थी आतंक के द्वारा और आतंक के पनाहगारों के द्वारा किए गए इस कृत्य का पुरजोर देश में विरोध हुआ। भारत सरकार भी बड़ी सख्ती से इस चीज के खिलाफ उतरकर सामने आई और तैयारी शुरू हुई कि इसका रिटेलियेशन कैसे किया जाएगा।

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भारत सरकार ने प्रॉपर तरीके से कैबिनेट, काउंसिल और सिक्योरिटीज की मीटिंग से यह डिसाइड करते हुए कि हमें समय आ गया है इंडस वॉटर ट्रीटी से बाहर निकलने का। भारत ने इंडस वॉटर ट्रीटी से बाहर निकलने का निर्णय लिया। बदले में पाकिस्तान ने हम पर धमकी दी और कहा कि वह शिमला एग्रीमेंट से बाहर निकलेगा। टूरिज्म को लेकर माहौल यह बनाया जा रहा है कि आज तक आजादी के बाद से लेकर कश्मीर में पर्यटकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया, न ही कश्मीरी ने। वे हमेशा टूरिज्म का स्वागत करते हैं। वहीं दूसरी ओर भारत में एक थॉट और डेवलप हुई और वह यह विशेष रूप से कश्मीरी के लिए कि, इनका टूरिज्म प्रभावित हुआ। तब जाकर ये लोग इस तरह से सॉफ्ट स्पोकन बने। इनका टूरिज्म प्रभावित हुआ, तब जाकर ये लोग प्रोटेक्ट करने आए। एडवाइज कभी भी किसी आतंकी हमले का कश्मीर के अंदर विरोध नहीं हुआ, न ही भारत के साथ समर्थन में कश्मीरी उतर के दिखाई दिए जब भी भारत से जुड़ा कोई भी मसाला रहा पाकिस्तान के खिलाफ। लेकिन जब उनकी आमदनी प्रभावित हुई, तब ये लोग भला-भला बोलने लगे। इस बीच में मैंने आपको एक तर्क भी दिया था और वह यह था कि कश्मीर चूंकि भारत का है और ऐसे में अगर हम लोग टूरिज्म को वहां पर रोकते हैं, तो वहां लोगों की आमदनी प्रभावित होगी। और आमदनी अगर प्रभावित होगी, तो कश्मीर का जो यूथ बड़ी मुश्किल से वापस से मेनस्ट्रीम में आना शुरू हुआ है, वह वापस उन्हीं लोगों के हाथ में चला जाएगा जो पैसे लेकर पत्थर फेंकने को अपनी रोजी-रोटी समझते थे। उन चर्चाओं में सबसे इंपोर्टेंट बात यह है कि अब भारत क्या रिटेलिएट करने के बारे में सोच रहा है|

इंडिया ससपेंड इंडस वाटर ट्रीटी

क्योंकि देखिए, एक बहुत बड़ी बात निकल कर आई थी जब भारत ने इंडस वॉटर ट्रीटी को कैंसिल किया था। तो बात यह थी कि हमारे यहां पर सिंधु नदी का जो जल है, वह लगभग 80% पाकिस्तान को भेजते हैं और 20% के आसपास हम खुद रखते हैं। सिंधु नदी की जो सहायक नदियां हैं, चिनाब और झेलम, वह पूरी तरह से हमने पाकिस्तान को डिस्ट्रीब्यूशन की हुई हैं। और रवि, व्यास, सतलज का पानी हम लोग उसे करते हैं, वह पाकिस्तान चला जाता है। ऐसे में जब हम प्रीति से बाहर निकले, तो पाकिस्तान की तरफ से इस भारत का मखौल उड़ाया गया कि बेटा, पानी रोक तो लगे, लेकिन रखोगे कहां? ओबवियस सी बात है, नदियों को एक दिन में रोका नहीं जा सकता है। क्योंकि पाकिस्तान भी उसे करने के बाद अल्टीमेटली अरब सागर में ही गिरता है। ऐसे में इस बात का पाकिस्तान के कम दिमाग लोगों ने मजाक बनाया कि देखो, इन्होंने पानी रोकने की धमकी तो दे दी, लेकिन इससे कुछ होगा नहीं। पानी रोक भी लिया, तो इतना पानी कहां रखोगे? हमारे देश के भी कई राजनेताओं ने पूछा, पानी रोक लिया तो क्या है? इसको रुकोगे, रखोगे कहां? यह बहुत ही मतलब बेवकूफी वाली बातें हैं। रोकने का अर्थ यह नहीं था कि आपका पानी रोक लिया, तो अब हम आपके साथ में कुछ और अत्याचार करने का तरीका ढूंढेंगे। पानी, पूरा नदियां घुमा देंगे, वह कंस्ट्रक्शन का पार्ट है, होता रहेगा। लेकिन आपके साथ जो डील थी कि आपको इतना पानी, इतने समय पर मिलना चाहिए, वह अगर हम आपको नहीं दे रहे हैं, आपको पूर्व सूचना अगर हम नहीं दे रहे हैं। आपके साथ में जो नियम थे उनको हम फॉलो नहीं कर रहे है|pahalgam attack update

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सिंधु नदी की जो सहायक नदी है, जिसको झेलम नदी के नाम से भी जानते हैं, चेनाब और झेलम सीजी के नाम से चेनाब, झेलम और सिंधु ये तीनों पाकिस्तान के लिए पूरी तरह डेडिकेटेड रिवर हैं। कश्मीर से रही है, लेकिन जाकर सिंधु से मिलती है। ऐसे में झेलम नदी का पानी हम लोगों ने जो रोका हुआ था, उसे दो दिन बाद हमने अचानक बिना पूर्व सूचना छोड़ दिया। इसे लोगों ने वाटर स्ट्राइक का नाम दिया। जहां एक ओर भारत अपनी पहले रोक करके उन्हें सुख का डर दिया, वहीं अचानक बिना बताए उसे पानी को बाढ़ के पानी की तरह छोड़ दिया। अब इस बात को वह लोग बहुत अच्छे से समझ पाएंगे, विशेष रूप से बिहार के वह लोग जो पानी का जलस्तर जैसे ही नदी में बढ़ता है, तो उसका इंपैक्ट क्या होता है। बाढ़ किस तरह से प्लानर एरियाज में आती है, वह इस बात को रिलेट कर पाएंगे। ऐसा ही हुआ जब हमने यह केवल एक दिन किया, पानी रोका, दूसरे दिन दो दिन बाद पानी छोड़ा। अचानक रोकना और छोड़ना जैसे ही किया, पाकिस्तान के स्वर यहां पर कमजोर पड़ने लगे। शाहबाज शरीफ की तरफ से बयान आया कि हम इसकी जांच करने को तैयार हैं।pahalgam attack update

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इतना ही नहीं, इंटरेस्टिंग फैक्ट यह है कि पाकिस्तान में जिस आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली थी, वो तक पलट गया है। वह कहने लगा है, हमने नहीं किया था। आप कहेंगे क्या, केवल पानी की वजह से ऐसा हो रहा है? नहीं, तैयारी कुछ और चल रही है। अब तैयारी कुछ और चल रही है, इस बात को मैं इतना मजबूती से क्यों कह रहा हूं। देखो, एक बात सही है और वह यह है कि कश्मीर में हुई इस घटना के पीछे भारत के अंदर जो मनोस्थिति बन रही है, ना वह लोगों का जो भाव है, वह प्रधानमंत्री की बातों से भी जस्ट बात। जब सीसीएस की मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री बिहार के मधुबनी से जनता को संबोधित कर रहे थे, उस समय पर पाकिस्तान के लिए भारत की तरफ से संदेश अंग्रेजी में दिया गया था। भारत ने मधुबनी से अन्य प्रधानमंत्री ने मधुबनी से एक साथ मोदी सेशन कर रहे हैं और वह अंग्रेजी में टेलीकास्ट हो रहा है। एक बार के लिए लगा कि यह आई जेनरेटेड है, लेकिन बाद में समझ में आया कि यह यहां से मैसेज पूरी दुनिया को दिया जा रहा है कि अब हम अगर कुछ करने जा रहे हैं, तो उसे पर परेशान मत होइएगा। अब आप पूछेंगे, अब तक क्यों नहीं किया? देखिए, अगर आपने 1971 की भी वार अच्छी हो, इमरजेंसी के बारे में जाना हो, जब भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे, पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश बना दिया था, उस समय पर भी श्याम मने शाह का एक बहुत ही फेमस मतलब इंदिरा गांधी जी के साथ संवाद है, जो चर्चा में आता है। वह कहते हैं कि यह हम डिसाइड करेंगे कि हमें कब क्या करना है, उन्हें इसका अवसर नहीं देंगे। अगर उन्होंने आतंक फैलाया है, अब हम डिसाइड करेंगे किसका बदला टाइम हम डिसाइड करेंगे। वह नहीं करेंगे तो भारत का संदेश जा चुका है कि हम रीटेलिएट करेंगे। कैसे करेंगे, यह तरीका अभी आने वाले समय में डिस्क्लोज होगा। मोमेंटम बनना शुरू हो चुका है प्रधानमंत्री के उसे बयान से भी, ताकि हमने दुनिया को संबोधित किया। मैंने सारी कड़ियां जोड़कर आपको बताई थी कि भारत इस पूरी तैयारी को कितना तेजी से करता है। आज भी संडे के दिन प्रधानमंत्री का अभी थोड़ी देर पहले मां की वार्ता 121 वां एपिसोड टेलीकास्ट हुआ। उसमें प्रधानमंत्री ने अपने द्वारा आकाशवाणी पर हुए इस टेलीकास्ट ऑडियो में आकाशवाणी पर वीडियो के माध्यम से भी यह संदेश दिया और कहा कि देखो, जो हुआ उसमें हम लोग पूरी तरह से आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार हो गए हैं। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री का यह कहना कि कश्मीर में सब चीज धीरे-धीरे मेंस्ट्रीम पर आ रही थी, चाहे टूरिज्म हो, चाहे इंफ्रास्ट्रक्चर हो, चाहे निवेश का मामला हो, पढ़ाई का मामला हो, नए अवसरों का मामला हो, ग्रोथ रेट के अंदर वृद्धि हो, सब चीज धीरे-धीरे ट्रैक पर आ रही थी। लेकिन आतंक को और आतंक को चाहने वाले लोगों ने आतंक के पनाह घर लोगों ने जिस तरह से भारत के लोगों को यह दर्द दिया है, यह दर्द मुझे प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री ने सीधा कहा कि उनका यह दर्द मुझे समझ में आता है, उनका यह पैन में समझ पाता हूं। ऐसे में उन लोगों के साथ शाना व्यक्त करते हुए हमले के दोषियों और साजिश करने वालों पर कठोर जवाब का भी आज आश्वासन दिया।pahalgam attack update

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देखिए, ये सब बयां इसलिए मायने रखते हैं, जैसे इंदिरा गांधी जी का उस समय का वह मैसेज आज तक आकाशवाणी में बजाया जाता है कि हमारे ऊपर दुश्मन ने हमला कर दिया है, अब हम इसको युद्ध में तब्दील करने जा रहे हैं। समय आ गया कि हम भी बदला ले। यह वह सारे टाइम फ्रेम हैं जिनका आप ऑब्जर्व करें। पहले एक पब्लिक रेलिंग में बोला जाता है, फिर मन की बात में प्रधानमंत्री द्वारा यह जवाब दिया जाएगा का आश्वासन दिया जाता है। अब आप समझें, यह केवल राजनीति के लिए नहीं था, मतलब चुनाव के अंदर वोट पाने के लिए नहीं था। तत्काल प्रभाव से अभी कहीं इलेक्शन नहीं है, होते रहते देश के अंदर इलेक्शन। इसीलिए वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चाएं भी चलती हैं, लेकिन यहां पर प्रधानमंत्री का कठोर जवाब दिया जाएगा।

क्या युद्ध की तेयारिया हो रही है?

1.बंकर्स की हो रही सफाई

एनी ने एक वीडियो किया जिसमें दिखाया गया कि पाकिस्तान के बॉर्डर से सटे हुए लोक से जुड़े जो क्षेत्र हैं, वहां पर जो बकरों की सफाई शुरू हो चुकी है। लोग अंडरग्राउंड जो बैंकर्स होते हैं, उनकी सफाई शुरू कर रहे हैं। इन केस थाना बिस्तर, इन सब की तैयारी कर रहे हैं कि अगर कुछ होता है तो यहां पर आकर सेटल हो जाएंगे। जमीन के नीचे यह जो बुनकर हैं, यह वार की स्थिति में काफी लंबे समय तक छुपे रहने के लिए लोगों को कम आते हैं। बॉर्डर पर महिलाओं ने इन बुनकरों की सफाई वगैरह सब शुरू कर दी है। अंडरग्राउंड बैंकर्स का निर्माण शुरू हो चुका है, सफाई शुरू हो चुकी है।pahalgam attack update

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2.दो दिन में फसल कटाई एक अल्टीमेटम

एक वीडियो बहुत ज्यादा कल वायरल हुआ, जिसके अंदर गुरुद्वारा साहिब, जो इंडो-पाक बॉर्डर के नजदीक एक जगह है, वहां पर एक राधा वाला खुर्द, अमृतसर के अंदर एक गांव है, जिनके भी खेत हैं। वह अगले दो दिन में फसलों की हार्वेस्टिंग कर लें, मतलब उन फसलों को पूरी तरह से काटकर रख लें। ऐसा क्यों? क्योंकि यहां पर पाकिस्तान से बॉर्डर शेर होता है। बीएसएफ की अगर कार्रवाई होती है, ऐसे में फसलें खराब हो जाएंगी। आपको अगले दो दिन का समय दिया जा रहा है कि फसलों को यहां से हटा दें। ऐसे में एक अनाउंसमेंट जो गांव वालों के लिए हुआ, पब्लिक यह फिर वायरल हो गया। अब वायरल हुआ यह जानकारी देनी थी बड़ी ही ग्राउंड रिपोर्ट पर, लेकिन यह पब्लिक होने से जब बाहर आई, तो फिर इसका खंडन किया गया।

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3.इंडियन नेवी की तैयारियां

तीसरी चीज जो है, वह यह कि भारत की जो सेनाएं हैं, वह अपने-अपने स्टेटस पर आ चुकी हैं। अरब सागर के अंदर प्रॉपर तरीके से नेवी रिहर्सल कर रही हैं। अब मुद्दा यह है कि हम और आप सोच रहे हैं कि हमला कैसे होगा। क्या भारत राजस्थान के पाकिस्तान बॉर्डर पर हमला करेगा या फिर पंजाब वाले बॉर्डर से हमला होगा? यह तो तय है कि हमला होगा, बस यह तय करना बाकी है कि कहां होगा। नेवी का स्टेटस कह रहा है कि बकायदा रिहर्सल करके हमने अपनी तरफ से एनी टाइम, एनीव्हेयर, एनीहाउ की तैयारी कर ली है। आप आज ही का मैसेज देख रहे हैं एनी टाइम, एनीव्हेयर, एनीहाउ। और यह मिसाइल जाते हुए और जहाज को नेशनल करते हुए रिहर्सल चल रहा है। आप यहां पर क्लिप को देख सकते हैं। फिर से, युद्ध की तैयारी से पहले ही युद्ध के लिए तैयार होना, सारे वेपंस को तैयार करके देखना, जो भारतीय सेवा के द्वारा “ऑलवेज विजिलेंस, एवर विजिलेंस, ऑलवेज प्रिपेयर” वाली जो रेडनेस की वीडियो दिखाई जा रही है, इसका मतलब चार्ज करने की तैयारी चल रही है।pahalgam attack update

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4.लाइव मीडिया कवरेज पर रोक

आईबी जो मिनिस्ट्री है हमारी, उसने मीडिया को पूरी तरह से कवरेज की मनाही कर दी थी कि डिफेंस ऑपरेशंस की कवरेज नहीं देंगे। यही कारण था जिसकी वजह से कल मैं वहां से निकाल कर आया। इसके पीछे का मुख्य कारण मुंबई हमलों और कारगिल वार से संबंधित था। एक और चीज थी, पाकिस्तान के अंदर, सॉरी, कश्मीर के अंदर, जम्मू-कश्मीर के अंदर एक दिन पहले यह रिपोर्ट चल रही थी। उनकी सत्यता प्रमाणित नहीं करेगी। मैं इस बारे में आपको फिर से कह दूं, सरकार इन पर आधिकारिक अपनी तरफ से टिप्पणी नहीं करेगी।pahalgam attack update

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5.J&K में हॉस्पिटल हाई अलर्ट पर

यहां पर एक न्यूज़ निकल कर आती है कि जम्मू कश्मीर के जो अस्पताल हैं, उनको हाई अलर्ट पर रखा गया है। अस्पतालों में जम्मू कश्मीर और हाई अलर्ट पहलगाम टेरर अटैक के बाद से ही अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं। फिर एक मैसेज जाता है, अब हो क्या रहा है? बार-बार जैसे ही बॉर्डर पर कहा गया कि आप फसल काट लो, यह न्यूज़ जैसे सर्कुलेट होती है, तुरंत 2 दिन बाद बीएसएफ मन करवा देती है। वहां पर ऐसा हमने नहीं कहा।

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ऐसे ही अस्पताल हाई अलर्ट पर सबको बीएड वगैरा तैयार करने के लिए कहा गया। यह न्यूज़ जैसी सब जगह प्रकाशित होती है, उसके तुरंत बाद में देखिए, इधर की तरफ आरती इंडिया ने छापा, “इंडियन गवर्नमेंट इशू अलर्ट टू ऑल हॉस्पिटल इन जम्मू कश्मीर, आस्क टू सेट अप 24*7 इमरजेंसी रिस्पांस रूम, एश्योर स्पेशल एसेंशियल सप्लाई, एमरजैंसी मेडिसिन।” यह सब तैयार करने की बात आ जाती है, लेकिन इसके तुरंत बाद में फिर अपनी तरफ से सफाई आ जाती है, नहीं साहब, ऐसा कुछ नहीं है, हमने तो यूं ही कह दिया था।”

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