अमेरिका ने करवाया Ceasefire…क्या रुक जायेगा युद्ध

india agreed to ceasefire on its own terms

अचानक युद्धविराम क्यों?

india agreed to ceasefire on its own terms:पिछले कुछ दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की और दोनों देशों के बीच हवाई मुठभेड़ हुई। इसके बाद जमीन पर भी गोलीबारी और आर्टिलरी फायरिंग शुरू हो गई।

लेकिन अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट करके दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हो गया है।

यह घोषणा आते ही कई सवाल उठने लगे:

  • क्या वास्तव में अमेरिका ने युद्ध रुकवाया?
  • क्या भारत सरकार ने अमेरिका के दबाव में यह निर्णय लिया?
  • क्या पाकिस्तान वास्तव में शांत हो गया है या फिर यह एक रणनीतिक चाल है?
  • भारतीय जनता इस फैसले से खुश है या नाराज?

इस लेख में हम इन सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


अमेरिका का दावा: ट्रंप ने क्यों लिया क्रेडिट?

शाम 5:30 बजे डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया:

“मैंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं से लंबी बातचीत की है। दोनों देशों ने सामान्य बुद्धि और बड़ी समझदारी दिखाते हुए तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। मैं दोनों देशों को बधाई देता हूं।”

इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री Marco Rubio ने भी कहा कि उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से बात की और दोनों देशों ने युद्धविराम स्वीकार किया है।

क्या वास्तव में अमेरिका ने मध्यस्थता की?

भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय दोनों देशों की आपसी सहमति से हुआ है, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता के कारण। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा:

“भारत और पाकिस्तान ने आपसी समझौते से युद्धविराम का फैसला किया है। हमने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाया है और पाकिस्तान को इस मुद्दे पर जवाबदेह ठहराया जाएगा।”

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ट्रंप ने क्यों लिया क्रेडिट?

  1. मध्य-पूर्व यात्रा से पहले छवि निर्माण: ट्रंप अगले हफ्ते मध्य-पूर्व दौरे पर जाने वाले हैं। वह दुनिया के सामने “शांति दूत” की छवि बनाना चाहते हैं।
  2. अमेरिका की भू-राजनीतिक रणनीति: अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हो ताकि वह अपना ध्यान चीन और रूस पर केंद्रित कर सके।
  3. पाकिस्तान पर दबाव: पाकिस्तान आईएमएफ से कर्ज लेने की कोशिश कर रहा है, और अमेरिका उस पर दबाव बना सकता है। india agreed to ceasefire on its own terms

क्या वास्तव में युद्धविराम हुआ है?

ट्रंप के ट्वीट के कुछ घंटे बाद ही खबरें आईं कि श्रीनगर और उधमपुर में गोलीबारी जारी है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके पूछा:

“अगर सीजफायर हो गया है, तो श्रीनगर में धमाके क्यों सुनाई दे रहे हैं?”

भारतीय सेना की चेतावनी

भारतीय सेना ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान की तरफ से कोई हमला होता है, तो उसे “एक्ट ऑफ वॉर” (युद्ध की घोषणा) माना जाएगा। ऐसे में, अगर पाकिस्तान अभी भी गोलीबारी कर रहा है, तो भारत का अगला कदम क्या होगा?

पाकिस्तान की रणनीति

पाकिस्तान हमेशा से “छद्म युद्ध” (Proxy War) की रणनीति अपनाता रहा है। वह आतंकवादियों को भेजकर हमले करवाता है और फिर सीधे युद्ध से बचता है। क्या यह युद्धविराम भी उसकी एक चाल है?


भारतीय जनता की प्रतिक्रिया: निराशा या राहत?

भारतीय जनता की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने राहत जताई कि युद्ध रुका, लेकिन अधिकांश लोग निराश और गुस्से में हैं।

सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग हैशटैग्स

  1. #IndiraGandhi – लोगों ने 1971 के युद्ध की याद दिलाई, जब इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया था।
  2. #POKBackToIndia – कई लोगों का मानना है कि यह सही समय था पाक-अधिकृत कश्मीर (POK) को वापस लेने का।
  3. #TrumpMediationRejected – भारतीयों ने स्पष्ट किया कि हम किसी बाहरी देश के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करते।
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जनता का गुस्सा

एक यूजर ने ट्वीट किया:

*”हमने आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया, पाकिस्तानी F-16 मार गिराए, फिर अचानक युद्ध रोक दिया? हम पूछते हैं – क्या हासिल हुआ?”*

“Reminder: Pahalgam terrorists are still alive” — यह सिर्फ एक ट्वीट नहीं, एक सवाल है पूरे भारत से!

7 मई 2025 को भारत भर में हुए सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के बीच, एक ट्वीट इंटरनेट पर हलचल मचा देता है —
“Reminder: Pahalgam terrorists are still alive.”

यह पाँच शब्दों का वाक्य नहीं है। यह एक सीधा तमाचा है उन नीतियों पर, जो आतंकवाद से ‘निपटने’ का ढोंग कर रही हैं। पहलगाम, जहां निर्दोष पर्यटक, स्थानीय नागरिक, और जवान आए दिन पाकिस्तान प्रायोजित आतंक का निशाना बनते हैं — वहां के कातिल आज भी ज़िंदा हैं!
कहाँ हैं वे ऑपरेशन? कहाँ है वो ‘zero tolerance’ नीति? कब तक हम मोमबत्तियाँ जलाकर शांति की उम्मीद करते रहेंगे, जबकि दूसरी तरफ से गोलियां चलती रहेंगी?

यह ट्वीट हमें वो याद दिलाता है, जो हम भूलना चाह रहे हैं — कि देश के भीतर बैठे गद्दारों और सीमा पार बैठे दुश्मनों के गठजोड़ ने अभी हार नहीं मानी। हमें भी अपनी नींद तोड़नी होगी।

“जब तक पहलगाम के आतंकवादी ज़िंदा हैं, तब तक हर भारतीय की आत्मा सवाल पूछेगी — आखिर कब तक?”


आगे क्या होगा? भारत की रणनीति

  1. युद्धविराम का उल्लंघन: अगर पाकिस्तान फिर हमला करता है, तो भारत का जवाब और सख्त होगा।
  2. अंतरराष्ट्रीय दबाव: भारत अब दुनिया को यह बताने में सफल रहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थक है। UN और FATF पर दबाव बढ़ेगा।
  3. POK पर कार्रवाई: क्या भारत पाक-अधिकृत कश्मीर में सैन्य कार्रवाई करेगा?

निष्कर्ष: क्या यह सही निर्णय था?

भारतीय जनता चाहती थी कि इस बार पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए। सेना ने बहादुरी से जवाब दिया, लेकिन अचानक युद्धविराम से लोगों को लगा कि “हमने पूरी लड़ाई नहीं लड़ी।”

हालांकि, युद्ध कोई समाधान नहीं है, लेकिन भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवाद पर कोई समझौता न हो। अगर पाकिस्तान फिर आतंकी हमले करता है, तो भारत का जवाब और मजबूत होना चाहिए।

फिलहाल, यह लड़ाई जारी है – युद्धक्षेत्र में नहीं, तो कूटनीति और जनमत के मोर्चे पर जरूर।


आपकी राय?

क्या आपको लगता है कि भारत को युद्धविराम स्वीकार करना चाहिए था? क्या अमेरिका का हस्तक्षेप सही था? अपनी राय कमेंट में बताएं।

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